सास-बहू के झगड़ा त हर घर में होला। इ त बहुते आम बात ह। बाकी आज हम रउआ सभे के एगो अइसन मंदिर के बारे में बतावे जा रहल बानी जेकर इतिहास गजब के बा। राजस्थान के उदयपुर में स्थित 1100 साल पुरान एह मंदिर के निर्माण के कहानी भी बड़ी दिलचस्प बा। उदयपुर के प्रसिद्ध ऐतिहासिक अउर पर्यटन स्थलों में से एक ह इ सास-बहू के मंदिर। रऊआ सभे के बता दि की बहू के मंदिर सास के मंदिर से तनिक छोट ह। एह मंदिर के निर्माण दसवीं सदी में भईल रहे। सास-बहू के इ अष्टकोणीय मंदिर के छत आठगो नक्काशीद्दार महिला से सजल बा त ओहिजे मंदिर के दिवार रामायण के अलग-अलग घटनाक्रम से सुसज्जित बा। दू लाइन में व्यवस्थित एह मंदिर के मूर्ति अइसन प्रतित होला मानो जइसे सब एक-दूसरे के घेरले बा। सास-बहू के एह मंदिर में एकही मंच पर त्रिमूर्ती यानि कि ब्रह्मा, विष्णु अउर महेश के छवी भी खुदल बा। साथहीं दुसरा मंच पर राम, बलराम अउर परशुराम के चित्र लागल बा। मान्यता ह कि मेवाड़ राज घराना के राजमाता एहीजा भगवान विष्णु के मंदिर अउर बहू शेषनाग के मंदिर के निर्माण करवले रहली। सास-बहू के द्वारा बनवला के चलते ही एह मंदिर के सास-बहू मंदिर के नाम से जानल जाला। 1100 साल पहिले एह मंदिर के निर्माण राजा महिपाल अउर रत्नपाल करवले रहन। सास-बहू के एह मंदिर के प्रवेश द्वार पर बनल छज्जा पर महाभारत के पूरा कथा अंकित बा। छज्जा के बायां स्तंभ पर शिव-पार्वती के प्रतिमा अंकित बा।
एह मंदिर में भगवान विष्णु के 32 मी. ऊँच अउर 22 मी. चौड़ा प्रतिमा स्थापित बा। विष्णु के इ प्रतिमा 100 भुजा से युक्त ह जेकरा चलते एह मंदिर के सहस्त्रबाहु मंदिर नाम से भी जानल जाला। एह मंदिर के छत बहुत कलात्मक ह। बहू के मंदिर के सभामंडप अपने आप में एगो अनोखा प्रदर्शन करेला। हर स्तंभ पर पत्थर के बनल प्रतिमा लागल बा। मंदिर मे लागल नारी प्रतिमा नारी सौंदर्य के दर्शावे खातिर उल्लेखनीय ह। सास बहू मंदिर के सामने भारी पत्थर से बनल तोरण बा, जवला में तीन द्वार बनल बा। सास-बहू के मंदिर के बीच में ब्रह्मा जी के एगो छोट मंदिर ह। कहल जाला कि दुर्ग पर जब मुगल के कब्जा भईल रहे तब एह सास-बहू मंदिर के चुना अउर रेत से भरवाके बंद कर दिहल गईल रहे। बाद में दुर्ग पर अंग्रेज के कब्जा भईला पर एह मंदिर के फिर से खुलवावल गइल। हालांकि आज दुनों ही मंदिर के गर्भ गृह में से देव प्रतिमा गायब ह। सास-बहू के एह मंदिर अउर मंदिरों के तुलना में कहीं अच्छा दशा में बा।