इ वाराणसी में स्थित एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय ह। इ विश्वविद्यालय के स्थापना महामना पंडित मदन मोहन मालवीय सन् १९१६ में कइले रहन।
इ विश्वविद्यालय में दो परिसर बा। मुख्य परिसर वाराणसी १३०० एकड़ में फइलल बा जेकर भूमि काशी नरेश दान कइले रहन। मुख्य परिसर में ६ संस्थान्, १४ संकाय और लगभग १४० विभाग ह। विश्वविद्यालय के दूसरा परिसर मिर्जापुर जनपद में बरकछा में २७०० एकड़ में बा। ७५ छात्रावासों के साथ इ एशिया के सबसे बड़ा रिहायशी विश्वविद्यालय ह जवना में ३०,००० से ज्यादा छात्र अध्यनरत बारन और जवना में लगभग ३४ देशों से आइल छात्र भी शामिल बारन।
एकर प्रांगण में विश्वनाथ के एक विशाल मंदिर भी ह। सर सुंदरलाल चिकित्सालय, गोशाला, प्रेस, बुक-डिपो , प्रकाशन, टाउन कमेटी (स्वास्थ्य), पी.डब्ल्यू.डी., स्टेट बैंक के शाखा, पर्वतारोहण केंद्र, एन.सी.सी. प्रशिक्षण केंद्र, “हिंदू यूनिवर्सिटी” नामक डाकखाना और सेवायोजन कार्यालय भी विश्वविद्यालय तथा जनसामान्य के सुविधा खातिर इमें संचालित बा।