पितरन के आत्मा के शांति खातिर सोमवती अमावस्या पर होखेला गंगा स्नान

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सोमवती अमावस्या के हिंदू धर्म में विशेष महत्व बा। एह दिन गंगा स्नान अउर दान आदि करे के विधान ह। इ बार अमावस्या 18 दिसंबर दिन सोमवार के ह। हिन्दू धर्म में सोमवार के आवे वाला अमावस्या के विशेष महत्व बतावल गईल बा।

शास्त्रन में कहल गइल बा कि माघ-पुस के महीना में नदी या सरोवर में प्रात: स्नान कर भगवान सूर्य के अर्घ्य देवे से अमोघ फल के प्राप्ति होला।

सोमवती अमावस्या के दिन आपन इष्ट देव अउर पितृ के आशीर्वाद लेवल जाला। अइसन करे से हमेशा आपना घर में सुख-समृद्धि बनल रहेला। हिन्दू धर्म में सोमवार दिन के होखे वाला अमावस्या के विशेष महत्व बतावल गइल बा।

सोमवती अमावस्या पर पितरन के खातीर तर्पण अउर कर्मकांड के साथे ही स्नान अउर यज्ञ के भी विशेष महत्व होखेला। मान्यता ह कि पितरन के जल देवे से उ लोगन के तृप्ति मिलेला।

सोमवती अमावस्या के दिन 108 बार तुलसी के परिक्रमा करे के भी विधान ह। एकरा साथ ही सूर्य नारायण के जल भी चढ़ावल जाला। कहल जाला की अइसन करे से घर में आईल दरिद्रता दूर होला। महाभारत में भीष्म युधिष्ठिर के एह दिन के महत्व समझवलें रहलें अउर कहलें कि एह दिन पवित्र नदी में स्नान करे वाला मनुष्य समृद्धि, स्वस्थ्य अउर सभन दुख से मुक्त होला। साथ ही पितरन के आत्मा के शांति भी मिलेला।

एह दिन गरीब-निराश्रित के भोजन-वस्त्र दान कइला से पाप मुक्त होखे के मनोवांछित फल मिलेला। हरिद्वार के ब्रजघाट अउर ऋषिकेश के गंगा घाट पर स्नान खातिर श्रद्धालुओं के भीड़ उमड़ल रहेला। एकरा अलावा इलाहाबाद, वाराणसी, बक्सर में भी सुबह से ही गंगा घाट पर स्नान करेवालन के तांता लागल रहेला।

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