सुशासन बाबू के राज में देखीं बिहार के लाल के दुर्दशा

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“स्ट्रेचर पर कवनो व्यक्ति ना, बिहार के मूर्छित संवेदना पड़ल बा”

“सोशल मीडिया पर जवना बेरा मुख्यमंत्री सहित तमाम लोग डॉक्टर वशिष्ठ नारायण जी के शोक-संदेश देत रहे, ओहि बेरा उहाँ के पार्थिव शरीर अस्पताल के बाहर एम्बुलेंस के अगोरत रहे

डॉक्टर वशिष्ठ नारायण सिंह के पार्थिव शरीर
डॉक्टर वशिष्ठ नारायण सिंह के पार्थिव शरीर

बिहार के लाल, माटी के अद्भुत नगीना 74 वर्षीय वशिष्ठ नारायण सिंह जी गुरुवार 14.11.19 के  आपन नश्वर शरीर के त्याग दिहनीं।  सिज़ोफ्रेनिया नामक बीमारी से ग्रसित डॉक्टर सिंह काफी समय से बेमार चलत रहनीं। वशिष्ठ जी के करीबी लोग से पता चलल कि सबेरे तबियत बिगडला के वजह से उहाँ के पीएमसीएच ले आइल गईल जहां चिकित्सक लोग उहाँ के मृत घोषित कर देहल।

महान गणितज्ञ डॉक्टर वशिष्ठ नारायण सिंह जी बिहार के भोजपुर जिला के बसंतपुर के रहनिहार रहनीं। उहाँ के बचपन से ही विलक्षण प्रतिभाशाली रहनीं। डॉक्टर सिंह नेतरहाट आवासीय विद्यालय के छात्र रहनीं अउरी 1962 में दसवीं कक्षा उत्तीर्ण कइनीं। उहाँ के ई किस्सा बहुत मशहूर बा कि गलत पढवला पर गणित के अध्यापक के डॉ सिंह टोक दिहनीं। ई खबर जब प्रिंसिपल के पता चलल त डॉक्टर सिंह के बोलावल गईल अउरी अलग से परीक्षा लेहल गईल। ओह परीक्षा में डॉक्टर सिंह तमाम अकादमिक रिकॉर्ड तोड़ दिहनीं।

डॉक्टर वशिष्ठ नारायण
डॉक्टर वशिष्ठ नारायण

एही दौरान कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर जे कैली, डॉ सिंह के प्रतिभा से प्रभावित होके अपना साथ चले के प्रस्ताव दिहलन अउरी अमेरिका ले गईलन। डॉक्टर सिंह कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से पीएचडी के डिग्री लेहनीं अउरी वाशिंगटन विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर बन गइनीं।

डॉक्टर सिंह आइंस्टाइन के सापेक्षता के सिद्धांत के चुनौती देले रहनीं। नासा में डॉक्टर सिंह के उल्लेखनीय योगदान बाटे। डॉ सिंह के बारे में ई चर्चित बा कि जब नासा में अपोलो के लॉन्चिंग के पहिले 31 कंप्यूटर अचानक कुछ समय खातिर बंद हो गइल त डॉ सिंह आपन कैलकुलेशन कइनीं। बाद में दुनु कैलकुलेशन के जब मिलान कइल गईल त एके परिणाम आईल।

कठिन से कठिन गणित के सवाल के सुलझाए वाला डॉ सिंह आपन जिनगी के उलझन ना सुलझा पवनीं। जब डॉ सिंह के आपन रिसर्च पेपर जरवला के ख़बर मिलल त उहाँ के एतना परेशान हो गइनीं कि मानसिक बेमारी के चपेट में आ गइनीं।

डॉक्टर वशिष्ठ नारायण
डॉक्टर वशिष्ठ नारायण

अइसन प्रतिभाशाली व्यक्तित्व के सरकार अउरी समाज के उपेक्षा के सामना करे के पड़ल। एतने ना, निधन के बाद भी इहाँ के पार्थिव शरीर घँटों एम्बुलेंस के अभाव में पीएमसीएच के बाहर पड़ल रहल। संवेदना के अइसन अभाव पर पूरा समाज के शर्मसार होखे के चाहीं। डॉक्टर वशिष्ठ नारायण सिंह जइसन प्रतिभा के उदय कई साल में एक बेर होला। डॉक्टर वशिष्ठ नारायण सिंह के सादर नमन बा।

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