दुनियाभर में कोरोना के कहर जारी बा, भारत में भी लगातार संक्रमित लोग के संख्या बढ़ल जाता। हालांकि कोरोना से बचाव के लेके लोग जागरूक बा अउरी लॉक डाउन के कड़ाई से पालन कईल जाता. लेकिन एही बीच कुछ अइसन खबर आ रहल बा जे सरकार के कोशिश अउरी प्रशासन के तमाम दावा पर सवाल खड़ा कर रहल बा। सड़क मार्ग से दिल्ली से बिहार-यूपी खातिर निकले वाला लोग के कहानी त दुनिया देखबे कईल, लेकिन सवाल तब और गम्भीर हो जाला जब लॉक डाउन के उल्लंघन अंतरराष्ट्रीय सीमा से जुड़ल हो.
मामला ह बिहार के पश्चिमी चम्पारण के सीमावर्ती इलाका के, जहां एगो युवक नदी तैर के नेपाल से भारत अपना घर पहुंच गईल। जिला अंतर्गत बगहा-2 के वाल्मीकिनगर गंडक कॉलोनी के एगो युवक कवनो काम से नेपाल गईल रहे जब दुनु देश में कोरोना के गम्भीरता के मद्देनजर लॉक डाउन हो गईल अउरी सीमा सील हो गईल. काफी इंतजार के बाद जब लॉक डाउन लम्बा खींचे लागल अउरी सीमा पर पहरा कड़ा हो गईल, तब युवक नदी के रास्ता बना के दुनु देश के सीमा रेखा से गुजरे वाली गंडक के पारकर के घर पहुंच गईल।
एह युवक के नेपाल से होके घर पहुंके के खबर स्थानीय प्रशासन को मिलल, फिरु आनन फानन में पुलिस युवक के जरूरी प्राथमिक जांच के बाद ओकरा के ओकर घर में ही 14 दिन खातिर क्वारन्टीन कर देहल।
गंडक बराज के चौड़ाई करीब 750 मीटर बा जे बरसात में डेढ़ से दो किलोमीटर हो जाला। अभी ई चौड़ाई करीब एक किलोमीटर बा। हैरानी के बात त बढ़ले बा कि ऊ युवक एक किलोमीटर नदी तैर के नेपाल से भारत अपना घरे आ गईल, लेकिन बड़ा चिंता के बात ई बा कि अइसन-अइसन कई गो भारतीय अभी नेपाल में फंसल बा।
भले ही एह युवक के अभी 15 दिन खातिर क्वारन्टीन कर देहल गईल बा, लेकिन सवाल ई बा कि अगर 14 दिन बाद रिपोर्ट नेगेटिव आई, चाहे नेपाल में फंसल अन्य भारतीय भी ईहे रास्ता अपनावल शुरू कर दी लोग तब? गौरतलब बा कि नेपाल में फंसल अइसनके कईगो लोग के लेके अप्रैल के पहिलका हफ्ता में एसएसबी स्थानीय जिला प्रशासन के आगाह कईले रहे. तब नेपाल के जगरनाथपुर के जालिम मुखिया के नाम सामने आईल अउरी एह मामले में कार्रवाई भी भईल। लेकिन नदी के रास्ते सीमा पार कर के भारत आवे के खबर कहीं न कहीं कोरोना से भारत में लड़ाई में सेंध जइसन बा।