बिहार में दहेज विरोध अउर बाल-विवाह के खिलाफ जनजागरण नीतीश सरकार 21 जनवरी के मानव श्रृंखला के ऐलान कइले रहन.. अउर एकरा खातीर बाकायदा 11 जनवरी के एगो एडवायजरी जारी करल गइल रहे। जवना में कहल गइल बा कि, इ मानव श्रृंखला में स्कूली बच्चन अउर शिक्षक लोगन के शामिल भईला जरूरी बा.. अउर कार्यक्रम के बाद बच्चन के सुरक्षित पहुंचावे के जिम्मेदारी भी शिक्षक लोग के ही होयी।
इ प एडवायजरी के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में एगो याचिका दाखिल करल गइल, अउर कहल गइल रहे कि इ गलत अउर असंवैधानिक ह। याचिकाकर्ता दीनू कुमार बतवलन कि.. सुप्रीम कोर्ट के भी आदेश ह कि शिक्षक लोग के केवल शैक्षणिक काम अउर चुनाव के काम में ही लगावल जा सकेला।
एह प अब सरकार के ओर से महाधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट में कहलें कि, इ सरकार के अपील रहे, आदेश ना। राज्य सरकार सुनवाई के समय कोर्ट के बतइलस.. कि आपन इच्छा से ही बच्चन मानव श्रृंखला में भाग लीहें। साथ ही इ कार्यक्रम में भाग ना लेवे वाला के खिलाफ कवनों कार्रवाई ना कइल जायी।
कोर्ट भी इ आदेश देले बा कि भाग ना लेवे वाला बच्चन के खिलाफ कवनों कार्रवाई ना होयी। एकरा से पहिले शराबबंदी खातीर भी बिहार में आयोजित मानव श्रृंखला में स्कूली बच्चन के जबरन शामिल करावे प पटना हाईकोर्ट गहरी नाराजगी जतवले रहे।