अलग-अलग अपराध में जेल में बंद कैदी जब बाहर आवेलें.. त कई बार उनकर सामने अनिश्चित भविष्य के अलावे कुछ ना होला। अइसन उ तमाम कैदियों खातीर जवन जेल से निकलके एगो बेहतर जिंदगी जीअल चाहेला, ओकरा खातीर धौलपुर जेल प्रशासन अनूठा पहल कइले बा। जेल में ही विचाराधीन बंदियों अउर कैदियों के समाज के मुख्यधारा से जोड़े खतीर शिक्षा के अलख जगावल जा रहल बा। खास बात इ ह कि जेल के अंदर पढ़े वाला भी कैदी ह अउर पढ़ावे वाला भी कैदी। भविष्य के सुनहरा सपना संजोके जिला जेल में बंद निरक्षर कैदी शिक्षा ग्रहण कर रहल बाड़न। शिक्षा लेवे वाला कैदियों में 20 साल से लेके 60 साल तक के कैदी शामिल बाड़न। जेल प्रशासन के मदद से हर दिन 11 बजे से एक बजे बजे तक जेल के बैरक में क्लास लागेला। जेल में क्लास चले से जहवां कैदियों में शिक्षा के लेके जागरुकता पैदा हो रहल बा, ओहिजे उनकर जीवन में भी एकर सकारात्मक प्रभाव देखे के मिल रहल बा। कैदी लोग के मन अउर विचार में बदलाव देखल जा रहल बा।