राम लला के भोग में काहे पसंद बा, बिहार के ‘गोविंद भोग’ जानीं इ खास चावल के बारे में

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अयोध्या में रामलला के मंदिर बने के फैसला आवे के बाद रामलला के सेवा करे खाती पूरा देश में उत्साह बा। अयोध्या के पुजारी लोग भी राम लला के सेवा में कौनो कमी ना रह जाए एकरा खाती, तैयारी में जुट गईल बा। बिहार के पटना में सबसे प्रसिद्ध महावीर मंदिर के ओर से  भगवान श्री राम के मंदिर बने के खाती दस करोड़ रुपया दीहल जाई। एतने नाही, पटना के महावीर मंदिर के ओर से अयोध्या में भगवान राम लला के भोग खाती, खुशबू वाला साठ क्विंटल गोविंद भोग चावल भेजल जा रहल बा। बिहार में कैमूर जिला में पैदा होखे वाला इ चावल गोविंद भोग राम लला के खास पसंद ह।

 

आखिर गोविंद भोग चावल राम लला के एतना अच्छा काहे लागेला? काहे राम लला के भोग खाती इहे चावल के चुनल गईल?  बात ई बा कि गोविंद भोग चावल बहुते मीठा और सुगंधित होला। ई चावल आकार में तनी छोट होला। बन के तैयार होखे पर एकर स्वाद एकदम मीठा आउर मक्खन जईसन लागेला। मक्खन त सभी बाल गोपाल लोग के पसंद आवेला। कृष्णा जी भी आपन बचपन में मक्खन चोरा लेत रहन। अयोध्या में भगवान राम भी आपन बालस्वरुप में विराजल बाड़न। एही चलते उनका भोग लगावे खाती गोविंद भोग चावल चुनल गईल।

 

गोविंद भोग चावल बिहार के कैमूर जिले में पैदा होला। कैमूर जिला में पहाड़ी के तलहटी के खेतन में ई चावल के रोपाई होला। पहाड़ी के उपर दुर्गा जी के एगो रुप मुंडेश्वरी माता के मंदिर स्थापित बा। हर साल जब गोविंद भोग चावल खेत में रहेला तब बरसात के पानी माता के मंदिर के छूते हुए नीचे गोविंद भोग धान के खेतों में पहुंचेला। लोग कहेला कि गोविंद भोग चावल के एतना बढ़िया आउर मीठा होखे के पीछे इहे राज बा। पहिले गोबिंद भोग चावल की खेती पश्चिम बंगाल के बर्धमान, हुगली, नादिया और बीरभूम जिला में भी होत रहे।

 

अब अयोध्या में 1 दिसंबर से राम रसोई के शुरुआत होखे वाला बा।  पटना के महावीर मंदिर के ओर से गुरुवार के राम लला के भोग खाती 60 क्विंटल चावल भेजल गईल । राम रसोई  और राम लला के भोग के ई सेवा अब लगातार चलत रही ।

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