छठ महापर्व चुनौती भरल कठिन उपवास के अनुष्ठान होला। विपदा के घड़ी में ई अउरी चुनौती भरल हो गईल बा। लेकिन असली परीक्षा के घड़ी भी अबही बा काहे कि मुश्किल घड़ी में ईश्वर में आस्था अउरी बढ़ जाला। चार दिवसीय महापर्व चैती छठ एह साल ओही संकट से गुजर रहल बा लेकिन लोग के आस्था अउरी विश्वास अउरी बरियार हो गईल बा। कोरोना महामारी के संक्रमण के रोके खातिर पूरा देश घर में कैद बा।
सरकार के निर्देश के पालन करत लोक आस्था के महापर्व चैती छठ मनावल जाता। छठ के चार दिवसीय अनुष्ठान 28 मार्च शनिवार से प्रारंभ हो गईल. देश में नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते एह वर्ष छठव्रती लोग लॉकडाउन के समर्थन करत सोशल डिस्टेंसिग के पालन करत केहू अपना कैंपस त केहू घर के छत पर ही भागवान भास्कर के पूजा कर रहल बा। व्रती लोग अपना घर के आंगन अउरी छत पर अस्थाई जलाशय के निर्माण कराके भगवान भास्कर के अर्घ्य दी।
छठ महापर्व के दूसरे दिन खरना पूजा के बाद व्रती लोग के 36 घंटे के निर्जला उपवास शुरू हो गईल। काल्ह रात खीर के महाप्रसाद ग्रहण कईला के बाद श्रद्धालु लोग दू दिन तक भगवान भास्कर के नमन में लीन हो गईल बा। सोमवार के चैत्र शुक्ल षष्ठी के सर्वार्थ सिद्धि योग में अस्ताचलगामी सूर्य देवता के पहला अर्घ्य दियाई। अर्घ्य देवे के शुभ समय शाम के 5:58 बजे से 06:07 तक बा। मंगलवार के सप्तमी 31 मार्च के द्विपुष्कर योग में उदीयमान सूर्य के दूध अजरी जल से अर्घ्य देके व्रत के समापन कईल जाई। भारतीय ज्योतिष विज्ञान परिषद के सदस्य ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश झा शास्त्री कहनीं कि प्रात: कालीन अर्घ्य के शुभ समय सुबह 05 : 52 बजे से 06:15 बजे तक बा। उगत सूर्य के अर्घ्य देके आयु-आरोग्यता, यश, संपदा के कामना कईल जाई। एह बार छठ महापर्व ग्रह गोचर के शुभ संयोग में मनावल जा रहल बा । ई पर्व पारिवारिक सुख समृद्धि अउरी मनोवांछित फल के प्राप्ति खातिर व्रती पूरा विधि-विधान से व्रत करेला लोग।
औरंगाबाद के विश्व प्रसिद्ध देव मंदिर पर चैती छठ के मौका पर देश के विभिन्न कोना से श्रद्धालु पहूंचेला, लेकिन प्रशासन पहिले ही कोरोना वायरस के कारण देव में छठ पर्व के आयोजन के रद्द कर देले बा। औरंगाबाद के रहे वाला व्रती लोग कह रहल बा कि पूरा देश में लॉकडाउन बा। एह परिस्थिति में छठ कईल संभव नइखे। ओ लोग के कहनाम बा कि ई पूजा अकेले नइखे कइल जा सकत, एमें पूरा परिवार अउरी सगा संबंधी साथ होला। एही कारण एह माहौल में पूजा कईला में काफी परेशानी होई।
व्रती लोग ईहो कहता कि एह पर्व में बहुत चीज बाहर से खरीदे के पड़ेला जबकि लॉकडाउन में लोग के बाहर निकले के मना बा। लोग ईहो कहता कि छठ में गंगा घाट के अलावा बाजार में भी कई तरह के तैयारी करे के पड़ेला लेकिन कोरोना के चलते बहुत लोग आपन व्रत करे के योजना रद्द कर देहल”
बहुत लोग इहो कह रहल बा कि कवनो पर्व उमंग अउरी उल्लास के होला। छठ त लोग के बीच अपना परिवार, सगा-संबंधी के उपस्थिति में करे वाला पर्व ह। छठ पर्व में गीत गाईल जाला, जे खुशी के प्रतीक होला। एह स्थिति में कई लोग छठ पर्व के योजना रद्द कर देले बा।