जब बात होयी आस्था के अउर बिहार के नाम ना आयी, अइसन त हो ही ना सकेला । त चली आज आप सभे के बिहार के कुछ अइसने मंदिर के दर्शन करायीं, जेकर आस्था से गहरा रिश्ता बा ।
- पटनदेवी मंदिर- बिहार के राजधानी पटना में बा शक्ति उपासना के प्रमुख केंद्र माँ पटन देवी के मंदिर । इ मंदिर माता सती के एकावन खंडन में से एक ह । एहिजा माँ के दाहिना जंघा गिरल रहल।
- जानकी मंदिर- सीतामढ़ी के पास बाल्मीकिनगर में जानकी मंदिर बा। मान्यता ह की मां सीता एहिजे अपना के धरती में समाहित कर लिहले रही। लव-कुश जनम भुमि के साथे साथ इ स्थान विश्व में हनुमान जी के सबसे बड़ एक सौ दस फीट ऊंचा मूर्ति खातीर भी जानल जाला ।
- महावीर मंदिर- पटना में स्थित इ मंदिर के खास बात इ ह की एहिजा राम सेतु के 15 किलो के पत्थर आज भी पानी में तैरेला अउर साथ ही इहवां हनुमान जी के एक साथ दुगो प्रतिमा के पुजल जाला ।
- मंगला गौरी मंदिर-मंगला गौरी मंदिर गया के पास भस्मकुट पर्वत पर स्थित बा। इ मंदिर भी शक्ति पीठ में से एक ह। इहवां पर्वत प माता के स्तनमंडल गिरल रहे, जवन आज दुगो पत्थर के रुप में बा। मान्यता ह कि एहिजा मात्र दर्शन कईला से ही दर्शनार्थी के आपन जीवन काल में ही श्राध-कर्म पूर्ण हो जाला।
- बाबा गरीब स्थान मंदिर- बिहार के मुज़फ्फरपुर जिला में स्थित बाबा गरीब स्थान मंदिर शिव स्थल के रूप में जानल जाला। मान्यता बा कि सावन के महीना में कांवर के पहिला जल एही स्थान पर चढावल गईल रहें।कांवर यात्रा इ मंदिर के सबसे बड़ आयोजन ह।
- विष्णुपद मंदिर-विष्णुपद मंदिर फालगुन नदी के किनारे गया में स्थित बा। एह मंदिर में एगो पत्थर पर भगवान विष्णु के पैर के निशान बा।
- बिहार के नलंदा जिला में स्थित भव्य जल मंदिर के जल शुद्ध मानल जाला। एहिजे जैन धर्म के संस्थापक महावीर के अंतीम संस्कार भइल रहे।
- महाबोधी मंदिर-बौद्ध धर्म के सबसे बड़ तीर्थ स्थान महाबोधी मंदिर, बिहार के गया जिला में स्थित बा। इहवां लगभग 250 हजार वर्ष पुरान पीपल वृक्ष आज भी देखे के मिलेला, जेकरा नीचे महात्मा बुद्ध के सबसे पहिले ज्ञान प्रप्ति भइल रहे।