दिल्ली में आयोजित भोजपुरी लिटरेचर फेस्टिवल में देश भर से आइल वक्ता लोग एक सुर में कहलक कि भोजपुरी के विकास से हिंदी के भी विकास होइ। देश भर के भोजपुरी साहित्यकार, पत्रकार, लेखक, रंगकर्मी, अभिनेता एह उत्सव में शामिल भइलें। एह कार्यक्रम के आयोजन भोजपुरी एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया ‘ अउरी मैथिली भोजपुरी अकादमी, दिल्ली सरकार के संयुक्त तत्वावधान में भइल।
उद्घाटन सत्र में अखिलेश मिश्र, डीजी आई सी सी आर, डॉ रमा, प्रचार्य- हंसराज कॉलेज अजीत दूबे, राष्ट्रीय अध्यक्ष, विश्व भोजपुरी सम्मेलन मृत्युंजय सिंह, डीआईजी, होम गार्ड, प. बंगाल , अभिनेता सत्यकाम आनन्द अउरी महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्व विद्यालय मोतिहारी के उप-कुलसचिव ज्वाला प्रसाद आपन आपन बात राखल।
एह क्रम मे अजीत दुबे कहलें कि भोजपुरी के कवनो भी भाषा से शत्रुता नइखे। भोजपुरीया लोग स्वाभाव से राष्ट्रवादी होखेला। बाकि अब वक्त आ गइल बाटे कि एकरा के आठवी अनुसुची में जगह देहल जाव।
उद्घाटन सत्र में भोजपुरी लिटरेचर फेस्टिवल के संयोजक जलज कुमार कहले कि भोजपुरी हर तरह से एगो समृद्धशाली भाषा बाटे, जवना के लगे एगो आपन गौरवशाली इतिहास बाटे। जवना पर हर भोजपुरीया गर्व कर सकत बाटे।
अलग अलग सत्र में भोजपुरी के विविध आयाम पर चर्चा भइल। प्रथम सत्र में प्रो राम नारायण तिवारी, निलय उपाध्याय से आशुतोष कुमार सिंह भोजपुरी लोकगीतन में सामाजिक विमर्श विषय पर चर्चा कइलें। श्री तिवारी कहलें कि भोजपुरी लोग गीतन के अध्यन अउरी विमर्श बहुत जरुरी बाटे। दूसरा सत्र में देवेंद्र नाथ तिवारी, मातृभाषा के प्रसंगिकता अउरी बीच बहस में भोजपुरी पर जयकांत सिंह जय, प्रो सदानंद शाही अउरी अजीत दूबे से बातचीत कइलें।
तीसरका सत्र में भोजपुरी साहित्य के पृष्ठभूमि अउरी नवलेखन पर चर्चा कइल गइल। जेकरा में मृत्युंजय कुमार सिंह, डॉ ब्रजभूषण मिश्र, प्रकाश उदय से केशव मोहन पांडेय के बात-चीत भइल।
अंत में कवि सम्मेलन के आयोजन भइल जेकरा में प्रकाश उदय, रश्मि प्रियदर्शनी, सरोज सिंह, सुशांत शर्मा, मिथिलेश मैकस,गुरुचरण सिंह, ऋतुराज,अजमत अली, जयकिशोर जय और दीपक सिंह आपन आपन कविता पाठ कइलक आ दर्शक वर्ग के झूमे पर मजबूर कर देहलक।एह अवसर पर भोजपुरी साहित्य के विद्वान नागेन्द्र प्रसाद सिन्हा के भोजपुरी साहित्य के सेवा खातिर भोजपुरी एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के तरफ से लाईफ टाइम एचिवमेन्ट अवार्ड-2019 अउरी चम्पारन से आइल पंडीत चतुर्भुज मिश्र जी के पिछला २७ साल भोजपुरी पत्रिका ‘हाल-चाल’ के सम्पादित करेला अउरी चम्पारन के नयका पीढ़ी के भोजपुरी भाषा ला प्रेरित करे ला विशिष्ट सम्मान अउरी विनीता भाष्कर के कोहबर अउरी पीडिया चित्रकला के बढ़ावा देवे ला सम्मानित कइल गइल।एही मौका पर ‘भोजपुरी मंथन’ नाम के एगो मासिक पत्रिका के विमोचन कइल गइल।