भोजपुरी के भाषा के दर्जा दिलावे के कोशिश लंबा समय से चल रहल बा। समय-समय प इ मांग जोर पकड़ लेला, बाकी अब ले महज आश्वासन ही हाथ लागल बा। भोजपुरी के आगे ले जाए खातीर, एकर परंपरा के सहेजे खातीर इ जरुरी भी बा। साथ ही अश्लीलता के भोजपुरी से निकाल फेंके के भी बा। लेकिन इ होयी तब, जब हमनी के सबलोग हाथ से हाथ मिलाके इ कोशिश के ताकत दिहल जायी।
एही क्रम में वाराणसी के संयोजक प्रोफेसर सदानंद शाही नई दिल्ली में गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कइलें अउर भोजपुरी के आठवीं अनुसूची में शामिल करे खातीर हजारों लोगन के हस्ताक्षर कइल ज्ञापन सौंपलें। प्रो. शाही गृहमंत्री के बतवलन कि देश अउर दुनिया भर से भोजपुरिया युवक अउर युवती पिछला दु साल से इ मांग के लेके प्रधानमंत्री अउर गृहमंत्री के लगातार ट्वीट कर रहल बाड़न, अबले करोड़ों ट्वीट कइल जा चुकल बा।
चर्चा के दौरान प्रो शाही गृहमंत्री के बतवलन कि भोजपुरी के संविधान में शामिल कर के भोजपुरीया भाषी लोग के सम्मान देवे खातीर संसद के वर्तमान शीतकालीन सत्र सही समय ह। सरकार के इहे सत्र में भोजपुरी के आठवीं अनुसूची में शामिल करे के घोषणा कर देवे के चाहीं। गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह स्वीकार कइलन की भोजपुरी भाषा में मिठास, संस्कार के संगे आत्मीयता भी ह। उ आश्वासन देहलें कि उ जल्दीये इ मसला प प्रधानमंत्री से बात करीहें।
देश के अलावे विदेश में बोलल जाए वाली भोजपुरी के त मारिशस जून 2011 में ही मान्यता दे देले बा। बिहार, झारखंड अउर पूर्वी उत्तर प्रदेश सहित देश-विदेश के करीब 20 करोड़ लोगन के मातृभाषा भोजपुरी ह, अउर सबलोगन के इ चाहत ह कि भोजपुरी के भाषा के दर्जा मिलो। गहना के टीम भी लगातार इ कोशिश कर रहल बा। अब जरुरत इ बात के ह कि इ कोशिश एगो मुहिम बन जाओ अउर समृध्द भोजपुरी के ओकर हक हासिल हो।