शाहजहांपुर के पालीटेक्निक पास आऊट इंजीनियर अनुपम गुप्ता के मन में शुरू से ही समाजसेवा करे के ललक रहे.. इ ललक तब अउऱ बढ़ गईल.. जब उ अपना आस-पास देखलें .. कि, गरीबी के चलते कई लोग आपन इलाज तक करावे में असमर्थ बाड़न। पइसा के अभाव में मरे खातीर मजबूर बाड़न। अइसे में अनुपम गुप्ता उनकर मदद करे के ठान लिहलन अउर आपन जेब से पइसा खर्च कके.. बस के ही मोबाइल अस्पताल के रुप दे दिहलन।
इ मोबाइल अस्पताल के अंदर कई तरह के रोग के पहचान.. अउर ओकर निदान खातीर व्यवस्था बा। इ मोबाइल अस्पताल में MRI, एक्सरे, अल्ट्रा साउंड अउर ईसीजी जइसन तमाम सुविधाएं मौजूद बा। बिजली के व्यवस्था खातीर एकरा में सोलर पैनल लगावल गईल बा। मोबाइल अस्पताल के साथ मौजूद डॉक्टर पिछड़ा अउर अति पिछड़ा इलाका में जाके ओहिसन मरीजन के देखभाल करेलें,.. जवन पइसा के कमी के चलते अस्पताल जाए में असमर्थ ह।
अनुपम गुप्ता वर्ल्ड बैंक से मदद लेके इ मोबाइल अस्पताल के निर्माण कइले बाड़न। एकरा बनावे में लाखों रुपया के खर्चा आइल बा.. बाकि, अनुपम के मानना ह कि, पइसा से ज्यादा कीमत ओहन लोग के ह,.. जवन पइसा के अभाव में आपन इलाज करावे में असमर्थ बाड़न।