बिहार के बक्सर जिला में एड्स के खतरा बढ़ल जाता। आस्ते-आस्ते हर साल बढ़त एड्स के मरीजन के संख्या चीख-चीख के एकर गवाही दे रहल बा। एकरा बावजूद भी लोग अभीले चेतल नइखन।
दु बेर के रोटी के जुगाड़ खातीर बाहर कमाए जाए वाला लोग उहां से तोहफा में इ बेमारी लेके आवतारन। उ लोग एह बिमारी से पीड़ित होके आपन जीवन त बर्बाद करते बारन, साथहीं मुफ्त में आपन परिवार के भी इ सौगात दे तारन ।
बक्सर जिला में अइसन कईगो परिवार बा…जहवां पिता से होके इ बीमारी जन्म लेवे वाला बच्चा में पहुंच गइल बा। उ परिवार असमय ही काल के गाल में समां गइल…चाहे बदहाली के जीवन जीयता।
बक्सर में साल 2003 में एड्स नियंत्रण विभाग के स्थापना भइल रहे अउर एचआइवी पॉजिटिव मरीजन के जांच शुरू भइल रहे । 2003 से 2017 के दौरान इहां एड्स के सैकड़ों मरीज मिललें। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ा प गौर कइल जाव त, इहां अब ले 712 लोगन में एचआइवी पॉजिटिव पावल गइल बा…जवना में 270 महिला शामिल बाड़ी । इ बेमारी से कइयों के मौत हो गईल बा त कई जीवन अउर मौत के बीच जूझ रहल बाड़न…अउर जवन बाचल बाड़न उ आपन जीवन के अंतिम सांस गिन रहन बाड़न ।
अब इ आंकड़ा त सरकारी अस्पताल ले पहुंचे वाला मरीजन के बा…जबकि, एकर मरीज निजी स्तर प भी होखेलन…जेकर आंकड़ा एहिजा मौजूद नइखे । एकरा साथ ही चौकावे वाला बात इ ह कि हर साल मरीजन के संख्या में वृद्धि हो रहल बा ।
सूत्र के मानी त एड्स पीडित लोग असुरक्षित यौन संबंध बनावे के दौरान एकर चपेट में आवेलन । दूसरा तरफ नशा के सूई लेवे वाला भी एकर शिकार बनेलें ।
सरकार के ओर से एड्स के इलाज के व्यवस्था करल गईल बा । एचआईवी ग्रस्त भईला प सदर अस्पताल में एड्स नियंत्रण समिति में एकर जांच के व्यवस्था बा । इहां मरीजन के काउंसलींग के भी व्यवस्था बा । छह से आठ माह ले एड्स संबंधित व्यक्ति के इलाज होखेला …रोग में सुधार भईला प आजीवन दवाई से मरीज के रोग प्रतिरोधक क्षमता के बढ़ावे के प्रयास कइल जाला ।