ईश्वर के होये, न होये के लेकर अक्सर चर्चा होत रहेला। मगर, कई अईसन चमत्कार होला, जेसे यकीन हो जाला कि ईश्वर के अस्तित्व बा।
बात करतानी एगो मंदिर जे बिहार के बक्सर में स्थित बा, जहां भगवान के होवे पर यकीन हो जाला। एहिजा मूर्ति आपस में बात करेला। आपके विश्वास ना होई, लेकिन अब वैज्ञानिक भी ऐकरा मान गईल बा लोग। तंत्र साधना के खातिर प्रसिद्ध बिहार के इकलौता राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी मंदिर, मंदिर में साधक के हर मनोकामना होला पूरा,देर रात तक साधक ईहा साधना में लीन रहेले। मंदिर के स्थापना एगो तांत्रिक कईले रहले. राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी मंदिर 400 साल पुरान मंदिर ह आउर सालों से एह मंदिर के मूर्ति करेली आपस में बात। तंत्र साधना के खातिर प्रसिद्ध ह राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी मंदिर। बिहार के बक्सर जिले में स्थित बा राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी मंदिर। प्रसिद्ध तांत्रिक भवानी मिश्र करीब 400 वर्ष पहिले एह मंदिर के स्थापना कईले रहले। तब से आज तक ई मंदिर में उन्हीं के परिवार के सदस्य पुजारी बनत आ रहल बा लोग। तंत्र साधना से ही ईहा माता के प्राण प्रतिष्ठा भी कईल गईल रहे।
तंत्र साधना के खातिर मशहूर एह मंदिर में मूर्ति रात के आपस में करे ले बात, विज्ञान भी एह रहस्य के आगे घुटना टेक देले बा। सुने में भले ही ई विश्वास करे लायक नइखे, लेकिन बात सच ह। मंदिर का सबसे अनोखा मान्यता ई ह कि निस्तब्ध निशा में ईहा स्थापित मूर्ति से बोले के आवाज आवेला। स्थानीय निवासी के अइसन कहनाम बा कि, मध्य-रात्रि में जब चारों ओर सन्नाटा पसर जाला तब ईहां केहू के बोले आउर फुसफुसाये के आवाज सुनाई देला।
ईहा से उ वक्त गुजरे वाला हर व्यक्ति ई आवाज सुन सकेला। एह रहस्य के सुलझावे के खातिर ईहा रिसर्च करे ला वैज्ञानिकन के एक टीम भी गईल रहे। लकिन वैज्ञानिक लोग देखले कि अंदर कवनो आदमी के न होये के बावजूद भी ईहा कुछ शब्द गूंजते रहेला। एह आवाज के सभे महसूस किईले आउर सुनके सभे भौचक्के रह गईले, लेकिन हैरान कर देवे वाला बात ई बा कि काफी प्रयास के बावजूद भी उ लोग के उहा कुछ ना मिलल। अंत में विज्ञान भी एह रहस्य के आगे घुटना टेक दिहिले। वैज्ञानिक लोग भी ई मान लिहले कि मंदिर परिसर में कुछ न कुछ अजीब जरूर बा, लेकिन उ का ह एह पर से अभी भी पर्दा नइखे उठा पाईले लोग। बता दि, एह मंदिर में दस महाविद्यान काली, त्रिपुर भैरवी, धुमावती, तारा, छिन्न मस्ता, षोडसी, मातंगड़ी, कमला, उग्र तारा, भुवनेश्वरी के मूर्ति भी स्थापित बा। ऐके अलावा ईहा बंगलामुखी माता, दत्तात्रेय भैरव, बटुक भैरव, अन्नपूर्णा भैरव, काल भैरव आउर मातंगी भैरव के प्रतिमा भी स्थापित कईल गईल बा।