कश्मीर में साल के सबसे मुश्किल ऑपरेशन

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काल्ह पूरा देश 9 बजे 9 दिया जलावे के सपोर्ट चाहे विरोध में लागल रहे। जब लगभग पूरा मुल्क दीप जलावे या न जलावे के विमर्श में उलझल रहे, भारतीय सेना के कुछ जवान सरहद पर कवनो अउर विमर्श के तैयारी करत रहे लोग। देस एक तरफ जहां कोरोना के कहर से जूझ रहल बा, दोसरा ओर कश्मीर हमेशा खानी घुसपैठी लोग के नापाक करतूत के झेलत बा।
भारतीय मिलिट्री के लगे ख़बर पक्का रहे…पाँच घुसपैठी लोग के छुपल होखे के ! ड्रोन से देखला पर खबर पुख्ता भईल। ऊ लोग इंतज़ार में रहे नियंत्रण-रेखा पर लागल कँटीला तारन के भेद के अंदर घुसपैठ करे खातिर। दुश्मन एही खातिर प्रयासरत रहे। एने हमनियो के जवान मुस्तैद रहे लोग। हमला सधल रहे हरमेसा जइसन। ग़लती के कहीं कवनो गुंजाइश ना रहे। अँधेरा में पूरा तरह कैमोफ़्लाज़्ड ऊ लोग आगे बढ़त रहे…लक्ष्य सामने…उँगली ट्रिगर पर चुस्त। सब कुछ यंत्रचालित प्रिसीजन से चलत रहे कि अनहोनी आपन दाँव चल देहलस। आगे चलत स्कॉउट्स के क़दम तले बर्फ़ के पूरा परत धँस गईल अउरी फिसलत बर्फ़ के साथ तीन कमांडो छुपल दुश्मन के ठीक सामने आके गिर गईल लोग।

धमाका से आसमान अउरी बारूद के कसैला गंध से धरती…दुनु थर्रा उठल। गिरल साथी लोग पर दुश्मन के गोली रहे अउरी दुश्मन पर स्कॉड के सैनिक लोग के गोली। पाँचों घुसपैठी के लाश एक अंतहीन प्रतीत होत इन्काउंटर के बाद ज़मीन पर छितराईल त मिलल लेकिन गैलेंट स्कॉड के तीन जाँबाज़ विदा ले चुकल रहे लोग तब तक। हॉस्पिटल तक के यात्रा में दू अउरी शूरवीर लोग साथ छोड़ देहल आपन स्कॉड के।

काल्ह करोड़ों जरत दिया के बीच हमनी के पांच बहुमूल्य दीपक के रौशनी हमेशा खातिर बुझ गईल। देशरक्षा के पवित्र अग्नि में काल्ह ई पांचों जवान अपना के होम कर देहलस लोग। पटाखा के शोर में शायद ई बात हमनी तक ना पहुँचल लेकिन देश के माटी हमेशा ई बलिदान के ऋणी रही…देश ऋणी रही अउरी हर देशवासी ऋणी रही।

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