सात दिसम्बर के शाम अहियापुर में ज़िंदा जरावल गइल युवती आखिरकार दस दिन बाद सोमवार रात 11.40 बजे, पटना अपोलो बर्न अस्पताल में ज़िन्दगी के जंग हार गइली. लड़की के मृत्यु होते ही ऊहाँ मौजूद स्वजन लोग के चीत्कार से अस्पताल के प्रांगण सहम गइल. ई खबर सुनते मुजफ्फरपुर के लोग में आक्रोश के लहर दौड़ गइल. परिजन लोग कहsता कि जब तक बिहार के मुख्यमंत्री खुद उपस्थित ना होइहन तब ले पोस्टमार्टम ना होई. मंगलवार के सुबह बैरिया गोलम्बर के लगे भारी मात्रा में लोग एकत्रित भइल अउरी आपन विरोध प्रदर्शित कइल.
मालूम हो कि सात दिसम्बर के दुष्कर्म में विफल रहला पर राजा अउरी उनके साथी मुकेश, पीड़िता के उपर केरोसिन तेल डाल के ज़रा देहल लोग. लडकी अस्सी प्रतिशत तक जर गईल. एतना जरला के बाद भी ऊ हिम्मत ना हरलस अउरी अंतिम सांस तक जिये के संघर्ष कइलस. डॉक्टर के टीम लड़की के जीवित रखे खातिर बेर-बेर पंप करत रहे लेकिन कवनो फायदा ना भइल. अंतिम बार ऊ इहे कहलस कि– ‘जे तरे ऊ दरिंदा राजा हमरा के ज़िंदा ज़रा देहलस ओही तरे राजा के भी फांसी के सजा मिले.’ लेकिन अफ़सोस, पीडिता के इन्साफ के ई चाह पूरा ना भईल अउरी ऊ तड़प-तड़प के दम तोड़ देहली. लडकी के भाई रोवत-रोवत कहलस कि बहिन के हत्या करे वाला के फांसी के सजा हो.’ बेटी के मौत से दुखी पिता कहलन कि ‘ हमनी के इन्साफ चाहीं अउरी पुलिस के उचित कारवाई करे के पड़ी।’ पीड़िता के मां के कहनाम बा कि ‘आरोपी पिछला तीन साल से उनकर बेटी के परेशान करत रहलस अउरी ई सूचना पुलिस के देहल गइल रहे लेकिन पुलिस के तरफ से कवनो कारवाई ना भइल।‘ बिहार में अइसन बहुत मामला सामने अइला से राज्य में महिला सुरक्षा अउरी कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़ा हो गइल बा।
मुजफ्फरपुर में एह घटना के विरोध में जगह जगह प्रदर्शन होता। सरकार अउरी पुलिस पर लगातार दबाव बनावल जाता अउरी लइकिन के सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करे के मांग कइल जाता.