प्रगति मैदान दिल्ली में 37वें भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला में तरह-तरह के खाए-पीए के सामग्री बा, बाकी किसान चाची के अचार के बाते कुछ  अलग बा। किसान चाची के  अचार तमाम देसी और विदेशी औद्योगिक घरानों के टक्कर देता. मेले में लोग ना केवल किसान चाची के अचार खरीदत बाडन बल्कि उनकरा संघर्ष से प्रभावित भी हो ताड़न।

सरस पवेलियन के स्टॉल नंबर सात पे लोग पूछत-पूछत भले ही पहुंच बाडन। बाकी जब किसान चाची अचार बेचत दिखाई देवे ली त लोगल के चेहरे पर मुस्कान आ जाला । किसान चाची नाम से मशहूर राजकुमारी देवी कहेली की एह बार प्रगति मैदान में चल रहल निर्माण कार्य के वजह से दर्शकों के संख्या कम हो गईल बा , बाकी अचार के खुशबू कम नहीं भइल । चाची बतइली  कि वह धीरे-धीरे साधन जुटाके अचार के पूरा देश में बेचल चहीअन अउर हर जिले में दुकान  भी खोलल  चाहीअन।

Kisan aunty's international pickle, Amitabh Bachchan is also the Have a fan

महिलाओं के विकास खातीर बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में सरैया के रहे वालीं राजकुमारी देवी  साइकिल से गांव-गांव में अचार बेचे के साथे साथे  महिलाओं  खातीर उत्थान के कार्य करके एक  अलग ही पहचान बनइले बाडी । गांव के महिलाओं के अच्छा गुणवत्ता का अचार बनाने के प्रशिक्षण देलेबाडी अउर महिलाओं के जागरूक कइले बाडी। उनका इ कार्य के खातीर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अउर  बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी सम्मानित कर चुकल  बाडन । व्यापार मेले में उनकर साथ उनकर बेटे अमरेंद्र कुमार और पति अवधेश कुमार चौधरी देवेलन.

किसान चाची करीब 20 तरह के अचार अउर  मुरब्बा बनावेली अउर  ब्रांडिंग  भी खुदे करेली । उ कहेली  कि तमाम निजी कंपनी के अचार में भले ही अच्छा पैकिंग में मिलत होइ, बाकी मशीनों से बनल स्वाद में दादी और नानी के हाथ के स्वाद नाहीं मिली। उ स्वाद केवल किसान चाची के अचार में मिली।

राजकुमारी देवी बतइली कि उ व्यापार के बढ़ावल चाहेली  लेकिन पइसा के अभाव आड़े आ जाला। जितना आय होला उतना खर्च भी हो जाला । पिछला साल जब उ अमिताभ बच्चन से मिलल रही त अमिताभ बच्चन से उनका पांच लाख रुपया मिलल रहे। आज बिहार के किसान चाची  पुरे देश के महिलाओं खातीर प्रेरणा   बन चुकल बाडी।

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