भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री साठ के दशक से लेके आज ले लगातार भोजपुरी फिल्म के निर्माण कर रहल बा। हालांकी पहिले के अपेक्षा भोजपुरिया सिनेमा के विकास में अब कुछ साल से अधिक बढोत्तरी भईल बा।
एगो वक्त रहे जब भोजपुरी सिनेमा के बारे में इ आम धारणा रहे कि हीरो के बदौलत ही इंडस्ट्री चल रहल बा। तब अइसन में इंडस्ट्री में हीरो के ज्यादा तरजीह मिलत रहे। ओह समय में सिनेमा के बाकी कलाकार लोग के ना त सम्मान मिलत रहे अउर ना ही दाम। ओह समय में निर्माता–निर्देशक के लागता रहे कि फिल्म त हिरो ही हिट करइहे। अउर जादे कुछु भईल त दुअर्थी संवाद फिल्म के नइया पार लगा दी। बाकी एह सबके चलते भोजपुरी सिनेमा के स्तर लगातार गिरत गइल अउर तकनीक के एह युग में दर्शक बॉलीवुड अउर दुसर इंडस्ट्री के सिनेमा के ओर देखे लागल।
भोजपुरी बॉक्स ऑफिस पर अइसन निराशा के घड़ी में साल 2017 में एगो फिल्म आइल ‘मेंहदी लगा के रखना’। इ ओही फिल्म बा, जेकरा देखके दर्शक लोग के लागल कि एह फिल्म में सभे कलाकार के भूमिका महत्वपूर्ण बा। हीरो से जादे एह सिनेमा में चरित्र अभिनेता फ्रंट फुट पर नजर अइलें।
एकर श्रेय भोजपुरी में अबले विलेन के किरदार में नजर आवे वाला अभिनेता अवधेश मिश्रा के जाला। उहां के एह फिल्म से एगो अइसन परंपरा के शुरुआत कर दीहनीं, जहवां हीरो से जादे चरित्र अभिनेता के तरजीह मिले शुरू हो गईल। जेकरा बाद डमरू, संघर्ष, विवाह जइसन कईठे फिल्म कथानक प्रधान फिल्म के ट्रेंड सेट कर दिहलस। संयोग से इ सभे फिल्म में अवधेश मिश्रा भी नजर अइलें। आज कथानक के प्रधानता वाली तमाम बड़हन सिनेमा में अवधेश मिश्रा नजर आवेलन। एकरे अलावा सुशील सिंह, संजय पांडेय, देव सिंह, रोहित सिंह मटरू जइसन कईठे कलाकार के इंडस्ट्री में पूछ बढ़ गई। अवधेश मिश्रा के पहिले खलनायक लोग के कवनों पहचान ना रहे।
आज इंडस्ट्री परफॉर्मेंस बेस्ड सिनेमा पर टिक गईल बा। पहिले जइसे हीरो ले ल अउर सिनेमा बन जात रहे। बाकी अब अइसन नइखे। आज-काल 90 प्रतिशत फिल्म कथानक प्रधान बने लागल बा, जेकर सराहना बड़ पैमाना पर भी हो रहल बा। अइसन सिनेमा से हताश हो चुकल कलाकार के नाम, पहचान अउर काम मिले लागल। ओहन लोग के अब उचित सम्मान अउर दाम भी मिल रहल बा। कुछ प्रतिशत लोग आजहूं हीरो में चिपकल बाड़न। बाकी दर्शक लोग कथानक प्रधान फिल्म के पसंद करे शुरू कर दिहलें बाड़न। चरित्र अभिनेता लोग के अहमियत बढ़ला के बाद एगो अच्छा बात इ भइल बा कि भोजपुरी इंडस्ट्री के इ चरित्र अभिनेता लोग के दूसर इंडस्ट्री में भी अच्छा काम मिले लागल बा, बाकी आज ले कवनों हीरो के पूछ दूसर जगह पर नईखे भईल। अब भोजपुरी इंडस्ट्री भी परिपक्व अभिनेता लोग के हो गईल बा, काहे कि दर्शक लोग के भी बासी चावल के तड़का लगाके खाना पसंद नइखे। अवधेश मिश्रा के ही एगो फिल्म आ रहल बा– ‘दोस्ताना’, जेकरा लेके अभी बहुत चर्चा हो रहल बा।